
इंग्लिश में है इंडिपेंडेन्स,
उर्दू में आज़ादी;
अपनी भाषा स्वतंत्रता की,
दिल मानवतावादी।
इन का मतलब इन्साइड से,
अर्थ आत्म बल वाला;
डिपेंडेन्स से निर्भरता की,
सभी पिरोएँ माला।
आत्मनिर्भर, इंडिपेंडेन्स,
दोनो जुड़वा भाई;
अर्थ समझ में आ जाये,
फिर कोई नहीं लड़ाई।
आज़ादी कुछ और बात है,
ज़ादी ज़द से बनता;
ज़द का अर्थ पिटाई होती,
जग ही पीड़ित रहता।
आज़ादी पीड़ित लोगों की,
है गुहार कहराई;
इसमें रोष ग़ुबार बड़ा है,
बोले और लड़ाई।
स्वतंत्रता स्वावलम्बन है,
नींव आत्मनिर्भरता;
ऐसा तंत्र स्वयंभू बनकर,
जन कल्याणी बनता।
भारत की मिट्टी से ऐसी,
परम्परा में जान है;
इसीलिए भारत की गरिमा,
जग में बनी महान है।
भारत में तो भा का रत है,
भा सूरज की कांति है;
जहाँ के लोग सृजन में रत हों,
वहीं वास्तविक शांति है।
भारत का ये वैदिक दर्शन,
कला ज्ञान विज्ञान है;
इसी का अनुयायी जग सारा,
भारत तभी महान है।
विषरि गए ये प्रथा हम अपनी,
चक्रवर्त सम्राटों की;
रक्षा वाट जोहती वसुधा,
हमीं पथिक उन वाटों की।
स्वतंत्रता दिवस ये पावन,
उसी प्रथा की शान है;
आओ मिल संकल्प लें फिर से,
स्वतंत्रता सम्मान है।

– Prof. Bal Ram Singh, Director, Institute of Advanced Sciences, Dartmouth, MA, USA
बहुत सुन्दर👌
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अति सुन्दर…आपने अपनी इस रचना के द्वारा स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता के अर्थ को बहुत ही सुन्दर तरीके से प्रस्तुत किया है और विश्व में भारत देश की महानता को दर्शाया है…वास्तव में आपकी ये रचना प्रशंसनीय है 💐🙏
by – Anshupriya Sinha, Patna
Very nice poetry Sir…🙏
by – Suruchi Sharma
👏👏बेहतरीन- लाजवाब !! I will cram this poem and next time recite it.
by – Abhishek Singh, Boston
Excellent!
by – Udai Kant Jha, Dartmouth, USA
Congratulations for your untiring endeavor!
by – Indira Jha, Bihar, India
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धन्यवाद, अंशुप्रिया। आशा है कि ऐसी आत्मनिर्भरता के आधार पर स्वतंत्रता सभी को प्राप्त होगी। मैंने इस बात को आधार बनाकर अपने जीवन को जीने का प्रयत्न किया है। आप जैसे युवाओं को भी ऐसे जीवन की परिकल्पना करके आगे बढ़ना चाहिए।
by – Prof. Bal Ram Singh, Dartmouth, USA
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